--Writer from mail

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुनील है, मेरी उम्रः 25 साल थी, और लडको की तरह मेरे ऊपर भी चुदाई का भूत सवार  था| दोस्तों में अपने घर में अकेला ही रहता हूँ और मेरे परिवार के सदस्य कहीं और रहते है और में अपने घर की देखभाल के लिए यहीं पर अकेला रहता हूँ।

मेरे घर में एक किराएदार भाभी रहती थी, गर्मियों का दिन था जब बिजली चली जाती थी तो में छत पर सोया करता था, उसी छत के दूसरे हिस्से में मेरी वो किराएदार भाभी और उनके पति भी सोए हुए थे और देर रात को करीब 11 बजे मैंने कुछ आहट को सुना। अब मैंने सुना कि मेरी वो भाभी अपने पति से बड़ी ही धीमी आवाज में कुछ बातें कर रही थी। दोस्तों मुझे अब एकदम साफ सुनाई दिया वो अपने पेटीकोट को ऊपर करके, अपने पति को उनकी चुदाई करने के लिए कह रही थी, लेकिन उनके पति को चुदाई करने से ज़्यादा पैसे कमाने में ज्यादा रूचि थी। अबउनकेपति ने उनके पेटीकोट को नीचे करके उनकी चूत को वापस ढक दिया था।

मुझे समझ आ गया था की भाभी चुदाई की प्यासी थी,भाभी अपनी चुदाई के लिए तरसती अपनी प्यासी चूत को लिए सो गई और में भी उनको देखकर कुछ बातें सोचते हुए सो गया, लेकिन अब मेरी सोच उनके लिए बिल्कुल बदल चुकी थी और में उनकी उस मजबूरी, उस अधूरेपन और उस कमी को बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था|

उस समय मेरे पास सेक्स टॉय जिसे में भी अपनी इच्छा को दूर करता था| और अब में उसकी चुदाई के सपने विचार बनाने लगा था,और अपने सेक्स टॉय फिलेशलाइट के साथ भाभी  को याद कर कर के हस्त्मेथुन करने लग गया और वही करते करते मुझे पता नहीं कब नींद आ गई।

में अपनी भाभी के साथ बहुत हंसी मजाक बातें करके हमारे बीच की दूरी को कम करने लगा था और अब में हर समय उनकी चुदाई के सपने देखने लगा था। फिर दो दिन के बाद मुझे एक बहुत ही अच्छा मौका दे दिया और मेरी अच्छी किस्मत से मेरी भाभी  के पति किसी काम से अपने गाँव चले गये। अब पूरे घर में सिर्फ़ में और मेरी भाभी ही थी और में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि हम दोनों के मन के अंदर सेक्स की वो भूख एक जैसी थी,

लेकिन हम दोनों में से कोई भी अपने मन की उस बात को खुलकर किसी को बता नहीं पा रहे थे और हम दोनों चुप ही रहे।वैसे मेरे मन में आगे बढ़ने की बहुत इच्छा थी और फिर रात को करीब आठ बजे अचानक से बिजली भी चली गई, और में छत पर जाकर लेट गया था। फिर कुछ देर बाद मेरी भाभी भी ऊपर आ गई और मेरे बिस्तर से थोड़ी दूरी पर ही भाभी  ने भी अपना बिस्तर लगा लिया, जहाँ से में उनको उस हल्के अंधेरे में भी साफ देख सकता था।

अब हम दोनों में से किसी को नींद नहीं आ रही थी और हम ऐसे ही इधर उधर करवटे बदल रहे थे, लेकिन मुझे यह भी बहुत अच्छी तरह से पता था कि अगर भाभी को एक बार खुलकर अपने मन की बात के बारे में बता दिया जाए तो वो बड़े आराम से तैयार हो सकती थी। फिर मैंने यह बात अपने मन में सोचकर हिम्मत करके बिना समय गंवाये अपने हाथ से भाभी  क हाथ को थोड़ा छू लिया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दी। अब में तुरंत समझ गया कि मेरा सोचना समझना एकदम ठीक वैसा ही निकला। उनको मेरे छूने की वजह से किसी भी तरह की कोई भी दिक्कत नहीं थी , फिर उनके बिल्कुल नज़दीक चला गया फिर मैंने सही मौका देखकर अपना एक हाथ उठाकर उनकी कमर पर रख दिया और उनके कूल्हे में चिकोटी काटी, लेकिन वो अब भी शांत ही रही।

अब तक बिजली आ चुकी थी और फिर उसी समय भाभी  ने मुझे इशारे से अपने साथ नीचे चलने को कहा। अब में खुश होकर तुरंत तैयार हो गया और फिर वो मुझे सीधे नीचे अपने बेडरूम में लेकर जा पहुंची और वो मुस्कुराती हुई अपनी साड़ी के पल्लू को अपनी छाती से हटाने लगी, लेकिन मैंने उन्हे ऐसा करने से रोक दिया और उन्हे एक कटोरी में तेल लाने को कहा और वो झट से जाकर तेल लेकर आ गई।

अब मैंने उन्हे अपनी बाहों में भरकर बिस्तर पर लेटा दिया और फिर में उनके पेटीकोट को ऊपर करके उसके अंदर घुसने लगा।अब में धीरे धीरे उनके पैर को चाटता हुआ अब ऊपर की तरफ बढ़ने लगा था और जब में उनकी दोनों गदराई हुई जांघो के बीच पहुँचा तब  मुझे उनकी एक प्यासी चूत को देखा| अब मैंने उसी समय उनकी चूत को चाटना शुरू किया और फिर 10 मिनट तक मैंने भाभी की चूत को चाटता रहा।

फिर इस बीच में उनकी चूत में अपनी एक उंगली से तेल भी लगा रहा था और अपनी ऊँगली से उनकी चूत की चुदाई भी करने लगा था। अब वो जोश में आकर झड़ गई और में अचानक उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दोनों रसभरे होंठो को चूसने लगा और एक हाथ से उसके ब्लाउज के हुक को खोलने लगा।

में उसके बड़े आकार के लटके हुए बूब्स के एक निप्पल को अपने मुहं में भरकर उसको चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके होंठो को सहला रहा था और दूसरे हाथ से एक बूब्स को दबाकर उसका रस निचोड़ रहा था। फिर करीब बीस मिनट के बाद जोश की वजह से उसके दोनों निप्पल पत्थर के जैसे सख्त हो गए, उसके चेहरे से साफ पता चल रहा था कि अब ज्यादा देर उसके लिए भी रुकना मुश्किल होता जा रहा था। अब मैंने बिना देर किए उसको खड़ा करके उसके सारे कपड़े खोल दिए और उसको उल्टा लेटाकर, उसकी गांड में अपने लंड को डालने की तैयारी करने लगा था, वो पहली बार गांड में किसी का लंड ले रही थी।

 

अब मैंने धीरे धीरे उसकी गांड में अपने लंड को डालना शुरू किया और जब मेरा लंड दो इंच गया, तब वो दर्द से करहाने लगी थी और उसके मुहं से ऊईईईईई आहहह्ह्ह मर गई मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है, की आवाज़ करने लगी थी। अब में अपना लैंड बहार निकल कर उसकी गांड में तेल लगाया जिससे उसकी गांड का छेद चिकना होकर उसको दर्द कम होने लगा था और फिर में धीरे धीरे एक बार फिर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा था।

फिर करीब आठ दस झटके में मेरा लंड उसकी गांड में था और अब उसकी कसी हुई गांड से थोड़ा सा खून भी आने लगा था, लेकिन मैंने अब भी धक्के देना बंद नहीं किया। दोस्तों इस तरह से मैंने उसको करीब दस मिनट तक कभी हल्के कभी तेज धक्के देकर उसकी गांड मारी। फिर मैंने उसको उसके बाद सीधा लेटाकर दस मिनट तक उसकी चूत में अपने लंड को डालकर जोश में आकर बड़ी तेज गति से धक्के देकर चोदा और उसकी चूत के छेद को पहले से ज्यादा बड़ा कर दिया।और करीब पन्द्रह मिनट के बाद में धक्के देते हुए झड़ गया और मैंने उसकी चूत में ही अपना पूरा वीर्य निकालकर अपने वीर्य से चूत को पूरा भर दिया।

अब तक भाभी  की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया मेरा लैंड उनकी छुट में ही था और में उनके ऊपर ही सो गया हम दोनों पूरी रात एक दुसरे से लिपटकर कर सो गये| दोस्तों यह मेरी जिन्दगी की सबसे बदिया रात थी| उस दिन के बाद जब भी उनके पति बहार जाते थे तो भाभी मुझे बुला लेती थी और हम दोनों चुदाई के मजे लेते थे| अब वो उनके पति कही और जॉब करने लग गये जिसे कारण उन्होंने मेरा घर खाली कर दिया मुझे आज भी उनकी चुदाई याद आती है जिसे में कभी भूल नहीं सकता|

 

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